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सांवरमल सांगनेरिया

जन्म : 3 अक्टूबर 1945।

शिक्षा : गुवाहाटी कॉमर्स कॉलेज से बी.कॉम, राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, वर्धा से कोविद।

बचपन से लेखन के प्रति झुकाव और यात्राएँ करने का शगल। लेखन के शौक़ के चलते गुवाहाटी से प्रकाशित साप्ताहिक 'जाग्रत' में सह-सम्पादक रहे। भारत-यात्रा पर लिखी पुस्तक थोड़ी यात्रा थोड़े काग़ज़ सन् 1999 में प्रकाशित हुई, जिस पर सन् 2001 का 'अखिल भारतीय अम्बिकाप्रसाद दिव्य पुरस्कार', सागर (मध्य प्रदेश) से मिला। एक अन्य पुस्तक असम के मूर्धन्य साहित्यकार ज्योतिप्रसाद अगरवाला पर जीवनीपरक औपन्यासिक शैली में लिखी ज्योति की आलोक यात्रा (2003) प्रकाशित हुई जिसे महाराष्ट्र राज्य हिन्दी साहित्य अकादमी के 'मुंशी प्रेमचन्द पुरस्कार' से सम्मानित किया गया।

विगत कई वर्षों से मुम्बई में रहते हैं, किन्तु अपनी जन्मभूमि असम से सम्पर्क सदैव बनाये हुए हैं। इनके लेखन का विषय भी अधिकतर पूर्वोत्तर भारत ही होता है।

ब्रह्मपुत्र के किनारे किनारे

सांवरमल सांगनेरिया

मूल्य: Rs. 595

कृतिकार ने ब्रह्मपुत्र के बहाने अपने इस यात्रावृत्त में असम की पौराणिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक झाँकी प्रस्तुत की है...

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